* संस्थान की संबद्धता (Affiliation)*
CMS&ED प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ “इण्डियन रुरल मेडिकल कांउसिल दिल्ली” से सम्बद्ध (समब्द्ध कोड- IRMCCMS9941) होकर 18 माह के CMS&ED (Community Medical Service & Essential Drugs) का एलोपैथिक में डिप्लोमा कोर्स का संचालन कर रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगो को प्रशिक्षित किया जा सकें जिससे वो ग्रामीण जन-समुदाय को स्वास्थ्य सम्बन्धी उचित परामर्श दे सकें व प्राथमिक स्तरपर आम-जन को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराते हुए प्राथमिक उपचारक के रुप में कार्य कर सकें। Website – www.irmc.in
* संस्थान का उद्देश्य *
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) कि अवधारणा के अनुसार प्रत्येक मनुष्य का स्वास्थ्य बनाए रखना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है किन्तु हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्र में आकस्मिक होने वाली दुर्घटनाओ में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा नही मिलने के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है अथवा गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) द्वारा सन् 1978 में ग्रामीण प्राथमिक उपचार को बेहतर बनाने के लिए CMS&ED (Community Medical Service & Essential Drugs) कोर्स के प्रशिक्षण हेतु अनुमोदन दिया गया एंव देश की माननीय सर्वोच्च न्यायलय (Suprime Court of India) के आदेश संख्या (152 of 1994 Decided- 14/02/2003) के क्रम में CMS&ED डिप्लोमा धारको को ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचारक के रूप में प्राथमिक चिकित्सा देने हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में CMS&ED डिप्लोमा कोर्स के महत्व को देखते हुए CMS&ED ALLIED HEALTH INSTITUTE LUCKNOW द्वारा “इंडियन रूरल मेडिकल काउंसिल से सम्बद्ध (Code -IRMCCMS9941,Website – www.irmc.in होकर विशेष सुविधा के साथ 1 1/2 वर्ष का CMS&ED डिप्लोमा कोर्स का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है जिसमें (W.H.O.) द्वारा अनुमोदित जरुरी 42 एलोपैथिक दवाएं एंव शारीरिक रचना विज्ञान, संचारी रोग, परजीवी रोग, स्त्री रोग, प्राथमिक चिकित्सा, औषधि विज्ञान आदि पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
(AFFILIATED BY – BSS (NATIONAL HEALTH AGENCY OF INDIA) CODE- UP/8134)
DIPLOMA IN MEDICAL LABORATORY TECHNOLOGY
पैथोलॉजी केन्द्र के संचालन (पैथोलॉजी सहायक) एवं सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सा केन्द्रों में नौकरी हेतुCheck Detail
DIPLOMA IN PHYSICIAN ASSISTANT
सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सा केंद्र में चिकित्सक सहायक के पद पर कार्य एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार केंद्र के स्वतः संचालन हेतुCheck Detail
CERTIFICATE IN FIRST AID AND PATIENT CARE
सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सा केंद्र में नौकरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार केंद्र के स्वतः संचालन हेतुCheck Detail
COMMUNITY MEDICAL SERVICE & ESSENTIAL DRUGS (CMS&ED)
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) की अवधारणा के अनुसार प्रत्येक मनुष्य का स्वास्थ्य बनायें रखना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है किन्तु हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्र में आकस्मिक होने वाली दुर्घटनाओं में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति तथा अचानक बिमार व्यक्ति को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा नही मिलने के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है, अथवा गम्भीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) द्वारा 1978 में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार को बेहतर बनाने के लिए (CMS&ED) (Community Medical Service & Essential Drugs)डिप्लोमा कोर्स के प्रशिक्षण हेतु अनुमोदन दिया गया एंव देश की माननीय सर्वोच्च न्यायलय (Suprime Court of India) के आदेश संख्या (152 of 1994 Decided- 14/02/2003) के क्रम में CMS&ED डिप्लोमा धारकों को ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचारक के रुप में प्राथमिक चिकित्सा देने हेतु महत्वपूर्ण दिशा- निर्देश जारी किया गया है। CMS&ED डिप्लोमा धारक विश्व स्वास्थ संगठन (W.H.O) द्वारा अनुमोदित एलोपैथिक की 42 मेडिसिन का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार कर सकतें हैं।

• CMS & ED डिप्लोमा का पूरा नाम क्या है?
Cms&ed का फुल फार्म होता है “Community medical service and essential drugs” जिसे हिन्दी में “संचार चिकित्सा सेवा और आवश्यक दवा” कहतें हैं।
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स करने के लिए योग्यता -
- CMS&ED कोर्स करने के लिए छात्र को हाईस्कूल पास होना चाहिए। यदि आप सांइस स्ट्रीम (जीव विज्ञान) से 12वी पास कियें हैं तो आपके लिए ज्यादा फायदेंमंद होता हैं।
- यदि आपने किसी प्रकार की डिग्री हासिल की है, या फिर आप मेडिकल प्रोफेशनल है और ऐलोपैथिक मेडिसिन से प्रैक्टिस करना चाहतें हैं तो भी इस कोर्स को कर सकतें हैं।
- CMS&ED कोर्स को करने के लिए आयु सीमा निर्धारित नही है। आप इस कोर्स को करके ग्रामीण क्षेत्र में प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर खोलकर करियर की शुरुआत कर सकतें हैं।
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज -
- हाई-स्कूल का अंकपत्र व प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति जमा करें।
- आधार कार्ड की फोटोकाँपी जमा करें। (स्वप्रमाणित छायाप्रति)
- पासपोर्ट साइज की दो कलर फोटो जमा करें।
- यदि कोई डिग्री/डिप्लोमा पहले से मौजुद हो तो उसकी स्वप्रमाणित छायाप्रति जमा करें।
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स की अवधि -
CMS&ED डिप्लोमा कोर्स की अवधि 18 माह यानि 1 1/2 वर्ष की होती है। Community Medical Service (One Year) & Essentional Drugs (6th Month) Complete 18 Month
Community Medical Service (One Year) & Essentional Drugs (6th Month)
6 माह से 1 वर्ष तक किसी पंजीकृत M.B.B.S. चिकित्सक के साथ कार्य करने का अनुभव लेना होगा।
माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा C.M.S.& E.D धारक को ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक उपचार देने हेतु दिये गये दिशा-निर्देश –
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स में प्रशिक्षण ले रहे छात्र/छात्राओं को संस्थान द्वारा कैसे पढ़ाया जाता है ?
- ऑनलाइन/ऑफलाइन क्लास दी जाती है|
- संस्थान द्वारा हर माह नोट्स बुक रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से सभी छात्र/छात्राओं के पते पर भेजे जाते है
- अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के रजिस्टर्ड वाट्सप न० पर प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की बीमारीयों से सम्बंधित जानकरी दी जाती है|
• CMS&ED डिप्लोमा कोर्स करने के साथ अन्य कौन से कोर्स कर सकतें हैं?
यह बहुत ही कामन प्रश्न है कि क्या हम CMS&ED कोर्स करने के साथ ही अन्य कोर्स भी कर सकतें हैं तो आपको बता दें कि यदि आप CMS&ED कोर्स को डिस्टेन्स लर्निंग यानी पत्राचार से कर रहें तों आप इस कोर्स को करने के साथ-साथ अन्य कोर्स या जाँब भी कर सकतें हैं। लेकिन यदि आप रेगुलर बेसिस पर ये कोर्स कर रहें हैं तो इसके साथ अन्य कोर्स व जाँब नही कर सकतें हैं।

CMS&ED डिप्लोमा कोर्से की फीस (1 अप्रैल 2022 से)|Check Detail

CMS&ED कोर्स में कौन-कौन से विषय पढ़ाये जातें है?Check Detail

प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार हेतु ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन” (W.H.O.) द्वारा स्वीकृत एलोपैथिक दवाओं की सूची Check Detail

CMS&ED कोर्स में कितनी बार परीक्षा देनी होती है? Check Detail
• क्या हम CMS&ED डिप्लोमा कोर्स करने के बाद अपने नाम के साथ डाँक्टर लिख सकतें हैं ?
CMS&ED कोर्स एक डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स को करने के बाद आपको डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया जाता है। CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के आगे डाँक्टर नही लिख सकता है,
• CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के साथ क्या लिख सकता है?
CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने नाम के साथ प्राथमिक उपचारक (First Aid Provider) लिख सकता है।
• CMS & Ed डिप्लोमा धारक को (C.M.O.) मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता है या नही ?
CMS & Ed डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराकर ग्रामीण क्षेत्र में W.H.O. (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा निर्धारित 42 एलोपैथिक दवाइयों का उपयोग करते हुए प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।
• CMS&ED डिप्लोमा धारक को प्राथमिक उपचार केन्द्र कहाँ संचालित करना चाहिए?
W.H.O (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार CMS&ED डिप्लोमा धारक को देश के ग्रामीण क्षेत्र में एक ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जहाँ पर स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव हो तथा आवागमन की सुचारु व्यवस्था न हो।

ग्रामीण प्राथमिक उपचार केन्द्र में CMS&ED डिप्लोमा धारक (Rural First Aid Provider) का क्या कार्य है?
CMS&ED डिप्लोमा धारक ग्रामीण प्राथमिक उपचार केन्द्र पर संचारी एवं गैर संचारी बिमारियाँ तथा अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याये जैसें मलेरिया, टायफायड हैजा, कालरा, डायरिया, डिसेन्ट्री, खसरा, चेचक, काली खाँसी, पीलिया, निमोनिया, टी.बी., Check Detail

CMS&ED डिप्लोमा धारक (Rural First aid Provider) की ग्रामीण क्षेत्र में प्रमुख भूमिका क्या है?
संचारी रोग जैसे- मलेरिया, टाय़फायड, डायरिया, डिसेन्ट्री, हैजा, चेचक, खसरा, टी.बी.,पेचिस आदि संक्रामक बिमारियों की उचित समय पर पहचान, निदान न हो पाने के कारण महामारी का रुप ले लेती है। ऐसी बिमारियों का प्राथमिक स्तर पर पहचान, निदान, रोकथाम एंव बचाव हेतु कार्य करना जिससे बिमारियों को महामारी का रुप लेने से पहलें ही रोका जा सकें।Check Detail

क्या CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने प्राथमिक उपचार केन्द्र पर फ्लैक्स बोर्ड लगा सकता है?
जी हाँ CMS&ED डिप्लोमा धारक अपने प्राथमिक उपचार केन्द्र पर नीचे दिये गये माँडल फ्लैक्स बोर्ड की तरह का साइन बोर्ड लगा सकतें हैं।

क्या CMS&ED डिप्लोमा धारक यूनिफार्म पहन सकता है?
जी हाँ CMS&ED डिप्लोमा धारक नीचे दी गयी लोगो लगी हुई यूनीफार्म पहन सकता हैं। जिससे ग्रामीण प्राथमिक उपचारक के रुप में उसकी पहचान सुनिश्चित हो सकें।
ग्रामीण रोग नियंत्रण, रोकथाम एवं जागरुकता कार्यक्रम (R.D.C.P.) का उद्देश्य -
जन-समुदाय को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल का असमान बँटवारा होना देशवासियों के स्वास्थ्य स्तर के कमजोर होने का एक प्रमुख कारण है | भारत गाँवों का देश है तथा यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में तथा 20 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है। इसके विपरीत केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का लगभग 80 प्रतिशत भाग शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। इनका केवल 20 प्रतिशत हिस्सा ही ग्रामीण तथा दूरवर्ती क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों तक पहुँच पाता है । इसका परिणाम यह निकलता है कि ग्रामीण क्षेत्रो में निवास कर रहे लोग इन स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। कई क्षेत्रों में ग्रामीण लोग आज भी रोगों के उपचार हेतु देशी नीम-हकीमों या दैवीय शक्तियों का सहारा लेते हैं।इसके अलावा हमारे देश में रोगों के निदान एवं उपचार हेतु उपयोग में ली जाने वाली पद्धतियाँ मुख्य रूप से अंग्रेजी चिकित्सा पर आधारित है जो कि तुलनात्मक बहुत मंहगी है। निम्न आयवर्गीय परिवारों द्वारा इसका खर्च उठा पाना थोड़ा मुश्किल है। स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, ए.एन.एम. पैरामेडीकल स्टाँफ आदि की संख्या भी उपचार हेतु आने वाले रोगियों की संख्या के अनुपात में नहीं है जो कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के क्रियान्वयन में बड़ी बाधा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आज भी स्वास्थ्य संबधी अनेक समस्याओं ने हमे जकड़ा हुआ है जो कि हमारे देश के विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल होने में एक बड़ी बाधा बनी हुई है। हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य समस्या में एक प्रमुख समस्या चिकित्सा देखभाल की समस्या है।रुरल हेल्थ फाउंडेशन नई दिल्ली चिकित्सा देखभाल की समस्या को खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में कम करने हेतु ग्रामीण रोग नियंत्रण, रोकथाम एंव जागरुकता कार्यक्रम का स्वतः संचालन कर रही है, उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत फांउडेशन CMS&ED प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अनुभवी इच्छुक लोगों को Emergency Rural Health Worker (आपातकालीन ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मी) का तीन माह का दूरस्थ प्रशिक्षण के माध्यम से निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त प्रक्षिक्षण के माध्यम से फाउंडेशन ग्रामीँण क्षेत्रो में प्राथमिक उपचार, मलेरिया, टाइफायड, मधुमेह, एन्टीबायोटिक्स दवाइयों का दुष्प्रभाव, टीकाकरण, परिवार नियोजन, आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण देकर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने हेतु कार्य कर रही है।
कोर्स विवरण -
कोर्स का नाम - ग्रामीण रोग नियन्त्रक (Rural Disease Controller & Preventer)
अवधि – 3 माह
योग्यता – हाईस्कूल उत्तीर्ण
माध्यम – दूरस्थ प्रशिक्षण(हिन्दी)
परीक्षा – ऑनलाइन (स्वकेन्द्र)
फीस विवरण-
Reg. | 250/- |
---|---|
Admission | 500/- |
I-Card | 100/- |
Monthly | 1000/- |
Exam | 600/- |
Total Fee | 4450/- |
पाठ्यक्रम -
नोट- स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए यह प्रशिक्षण निःशुल्क है | इच्छुक अभ्यर्थी मात्र 250/- रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कर प्रशिक्षण हेतु नामांकन करा सकते है | अन्य क्षेत्र से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए फीस माफी की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें प्रशिक्षण हेतु पूरी फीस 4450/- जमा करनी होगी |