छाती (सीने) में कफ जमना (Chest Congestion)
परिचय
जब आपके फेफड़ों में अधिक मात्रा में कफ या बलगम जमा हो जाता है, तो मेडिकल शब्दों मे इस स्थिति को “चेस्ट कंजेशन” कहा जाता है। यह स्थिति अक्सर सर्दी जुकाम या फिर श्वसन तंत्र में संक्रमण आदि जैसी समस्याओं के साथ विकसित होता है। इनमें से कोई भी संक्रमण होने पर आपका शरीर अधिक मात्रा में कफ बनाने लग जाता है। वैसे तो कफ सामान्य रूप से शरीर में होता ही है। लेकिन जब आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू आदि हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अत्यधिक मात्रा में कफ बनने लग जाता है और इससे आपको खांसी, छाती में कफ जमा होना और दर्द आदि होने लग जाता है। यह आमतौर पर ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा, सिगरेट पीने या एलर्जी के कारण होती है।
स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और आपकी सांसों के साथ आने वाली आवाज की जांच की जाती है। इसके अलावा आपका सामान्य शारीरिक परीक्षण भी किया जाता है। डॉक्टर आपकी छाती में जमा कफ का पता लगाने के लिए कुछ प्रकार के लैब टेस्ट भी कर सकते हैं और आपकी छाती का एक्स रे भी किया जाता है। छाती में जमा कफ के लिए किये जाने वाले इलाज का मुख्य लक्ष्य लक्षणों से राहत दिलाना होता है। क्योंकि यह बीमारी आमतौर पर वायरस के कारण होती है और इन पर एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं कर पाती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) का इलाज करती हैं। इसके अलावा सीने में जमा कफ के लिए कुछ प्रकार के घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं, जैसे भाप लेना और भरपूर तरल पदार्थ लेना।
वैसे यह कोई हानिकारक समस्या नहीं होती, लेकिन इससे आपके सामान्य जीवन पर असर पड़ने लग सकता है। यदि इस स्थिति को बिना इलाज किये छोड़ दिया जाए तो इससे अन्य कई जटिलताएं पैदा होने लग जाती हैं।
छाती में कफ जमना क्या है – What is Chest Congestion
इसे अंग्रेजी में चेस्ट कंजेशन कहा जाता है, जिसका मतलब होता है सीने में बलगम या अन्य कोई तरल पदार्थ जमा हो जाना। सामान्य स्थिति में भी बलगम शरीर में जमा होता है, लेकिन जब आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू आदि हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अत्यधिक मात्रा में बलगम जमा होने लगा जाता है। फेफड़ों में अधिक कफ जमा होने से खांसी और छाती में दर्द होने लगता है। जिन लोगों के सीने में बलगम जमा हो जाता है, उनको कई बार खांसी, घरघराहट और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण होने लग जाते हैं।
सीने में कफ जमने के लक्षण – Chest Congestion Symptoms
जिन लोगों की छाती में कफ जमा हो जाता है, उनको आमतौर पर छाती व गले में दर्द होने लग जाता है और छाती में भारीपन सा महसूस होता है। यदि आपके फेफड़ों में बलगम जमा हो गया है, तो आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं:
खांसने के दौरान सीने में दर्द होना
घरघराहट होना
बार-बार तेज खांसी उठना
सिरदर्द होना
सांस फूलना
कफ बनना
पोस्ट नेजल ड्रिप (बहती नाक का द्रव पीछे गले में जमा होना)
कम नींद लेने के कारण थकान महसूस होना
खांसी के साथ निकलने वाली बलगम में खून होना (गभींर मामलों में)
डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि लगातार 2 हफ्तों से भी अधिक समय तक छाती में कफ रहती है, तो यह किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। इसलिए कफ जमा होने के 3, 4 दिन बाद ही घरेलू उपायों से उसका इलाज करना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि यदि छाती में कफ दो हफ्तों से भी अधिक समय तक रहता है, तो बिना किसी प्रकार की देरी किए डॉक्टर की मदद ले लेनी चाहिए।
इसके अलावा यदि आपको सीने मे जमा कफ के साथ निम्नलिखित में से कोई अन्य लक्षण भी महसूस हो रहा है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
100°F या उससे अधिक बुखार होना, जो लगातार एक हफ्ते तक बना रहता है।
सांस फूलना और साथ में छाती में दर्द होना।
खांसी व घरघराहट लगातार एक महीने से भी अधिक समय तक रहना।
खांसी के साथ निकलने वाले बलगम में खून आना।
गंभीर रूप से जुकाम होने के कारण आपको रातभर नींद ना आना।
काले रंग का कफ आना।
जुकाम 7 से 10 दिन के भीतर ठीक ना हो पाना।
गंभीर रूप से कमजोरी महसूस होना जो ठीक ना हो रही हो।
छाती में जमा कफ के कारण व जोखिम कारक
(Chest Congestion Causes Risk Factors)
छाती में कफ जमा होने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
ब्रोंकाइटिस:
ब्रोंकाइटिस बैक्टीरिया या वायरल इन्फेक्शन से होने वाली एक समस्या है, जिसमें श्वसन मार्गों व फेफड़ों में सूजन, लालिमा व जलन आदि हो जाती है।
निमोनिया:
बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन के कारण निमोनिया हो जाता है। इस स्थिति में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। यह रोग ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारण भी होता है। निमोनिया होने पर बुखार, थकान, नाक बंद होना, सांस लेने में कठिनाई और छाती में कफ जमा होना आदि लक्षण होने लगते हैं।
टीबी:
यह एक प्रकार का फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी होने पर फेफड़ों में गंभीर रूप से दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और सीने में कफ जमा होने लगता है। यदि इस रोग को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो यह जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर: जब हृदय अच्छी तरह से पूरे शरीर में खून को पंप ना कर पाए, तो इस स्थिति को कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कहा जाता है। छाती में कफ जमा होना कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का मुख्य लक्षण हो सकता है, जो हृदय में द्रव भर जाने के कारण होता है।
चेस्ट में कफ जमने का खतरा कब बढ़ता है?
स्वास्थ्य संबंधी कुछ सामान्य समस्याएं और कुछ सामान्य उत्तेजक पदार्थ होते हैं, जो छाती में कफ जमने के खतरे को बढ़ा देते हैं, जैसे:
सिगरेट का धुंआ
एलर्जी
कुछ प्रकार के रोग जैसे फ्लू, ब्रोंकाइटिस, टीबी और निमोनिया
एसिड भाटा रोग (GERD)
अस्थमा
चेस्ट में जमा कफ के बचाव – Prevention of Chest Congestion
नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से कफ जमा होने से बचाव किया जा सकता है:
अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करें।
यदि आपको कोई अंदरुनी स्वास्थ्य समस्या है तो डॉक्टर की मदद लें, क्योंकि लंबे समय से ब्रोंकाइटिस होना या फेफड़ों संबंधी अन्य समस्या होने से छाती में कफ जमा होने लग जाता है।
धूम्रपान ना करें और धूम्रपान कर रहे लोगों के संपर्क में भी ना आएं।
वायरस व बैक्टीरिया आदि से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोने की आदत डालें और जो लोग संक्रमित हो गए हैं, उनके संपर्क में ना आएं।
उत्तेजक व एलर्जी करने वाले पदार्थों से दूर रहें, जैसे केमिकल और धूल आदि। यदि इनसे बचाव करना संभव नहीं है, तो मास्क पहन लें और उस क्षेत्र को हवादार बनाने की कोशिश करें।
जुकाम व छाती में जमा कफ को कम करने वाले सप्लीमेंट्स लें, इनमें विटामिन C, प्रोबायोटिक्स और जिंक के सप्लीमेंट्स शामिल हैं जो आजकल ऑनलाइन भी मिल जाते हैं।
छाती में बलगम जमा होने पर क्या ना खाएं?
कुछ प्रकार के भोजन हैं जिनसे आपको परहेज करना चाहिए:
दूध व उससे बने उत्पाद
जिन खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में मीठा या नमक हो
जंक फूड
तला हुआ भोजन
वसायुक्त या बाहर बना हुआ मीट
डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ
छाती में जमा कफ का परीक्षण – Diagnosis of Chest Congestion
इस स्थिति का परीक्षण डॉक्टर के द्वारा किया जाता है, डॉक्टर परीक्षण के दौरान आपकी समस्या से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे। इसके अलावा परीक्षण के दौरान डॉक्टर स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी मदद से सांस के दौरान निकलने वाली असाधारण आवाज का पता लगाया जाता है। इसके अलावा छाती में जमा कफ से होने वाले लक्षणों के अनुसार डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे:
खून टेस्ट करना, जिसकी मदद से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाया जाता है।
छाती का एक्स रे करना
ट्यूबरकुलीन टेस्ट, जिसकी मदद से टीबी का पता लगाया जाता है।
स्प्यूटम कल्चर और सेंसिटिविटी टेस्ट
ब्रोंकोस्कोपी टेस्ट
छाती में जमा कफ की जटिलताएं – Chest Congestion Complications
छाती में कफ जमा होने से क्या जटिलताएं होती हैं?
सीने में कफ जमा होना हृदय या फेफड़ों से संबंधित गंभीर रोग या फिर किसी ऐसे विकार का संकेत हो सकता है जिसका तुरंत इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। इसलिए यदि आपको लंबे समय से यह समस्या हो रही है, तो इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।